सुनहरा संसार जालौन ब्यूरोचीफ डा0 यल बी सिंह / पवन यागिक
माधौगढ़ से ग्वालियर के लिऐ बिना परमीशन विभागीय साँठ गाँठ और सत्ता के नशे में चल रही डग्गामार बसे प्रशासन और जुमनेवार खामोश
उरई - जालौन - माधौगढ़ से ब्यूरोचीफ डा0 यल बी सिंह अपने जिला पत्रकार पवन यागिक को साथ ले अपने पत्रकारों की टीम को ले हकीकत की पड़ताल के लिए डग्गामार बसों में रवाना हो गये जब बस के कर्मचारियों ने ये देखा तो उनके खेमे में हड़कम्प मचा गया। आपको बता दे कि एक ओर खेल खेला जाता है जैसे ही यूपी बॉर्डर खत्म होता वैसे ही बदल जाते हैं चालक, कन्डेक्टर जब सुनहरा संसार की टीम हकीकत की पड़ताल जानने के लिए जनता से रूबरू हुए तो बसों के सागिर्दों में अफरा तफरी मच गई जब इस बारे में बस के कर्मचारी बोले कि हमारा कोई कुछ नही कर सकता बसों के मालिक विभागीय दप्तर में भारी भरकम रकम पहुचाते हैं । हद तो जब हो गई जब एक वृद्धा के पास पांच रुपये कम होने पर उसे बस से नीचे उतरने की हठधर्मिता पर उतर आए ।जनता ने आप बीती बताई तो सुन लोगो की रूहे हिल गई । जब बस के कर्मचारियों से जानकारी लेनी चाही तो सब इधर उधर बगले झांकने लगे जिससे पड़ताल में सच उजागर हो उठा। पत्रकारों की टीम ने पहले से ही टिकट कटा रखे थे। आपको बताते चले दबंगई और गुंडई के बल पर चल रही डग्गामार बसे। माधौगढ़ से ग्वालियर के लिए डग्गामार बसे दे रही हादसे को निमंत्रण विभागीय जुम्मेवार और प्रशासन खामोश ।आपको बताते चले की माधौगढ़ से मध्यप्रदेश के ग्वालियर के लिए बिना परमिट या लिखित आदेश के विना स्वछन्द डग्गामार बसों का संचालन कई वर्षों से निरंतर चल रहा है जिससे सरकार के खजाने पर सीधा डांका डाला और डलवाया जा रहा है बिना परमीशन के चल रही सैकड़ो मोटर बसे न तो सरकार को कोई टेक्स दे रही न ही किसी तरह का सरकार के खजाने को लाभ करोड़ो रूपये की टेक्स चपत लगावा रहे विभागीय जुमनेवार वही कुछ पूंजीपति जो भी पार्टी सत्ता में आती हैं उसका तुरन्त चोला ओढ़ सरकार के नुमाइंदों के खास होने की भभकी दे देते हैं इस काली कमाई को अंजाम ओर जुमनेवारो को करते रहते ह खुश यही बजह हो सकती हैं कि कोई भी जुमनेवार इस काले बस संचालन की तरफ मुड़कर नही देखना चाहता। बल्कि जागरूख लोगो को सरकार की भभकी दे सबक सिखाने की देते हैं भभकी आखिर इन काले कारनामों से न्यायप्रिय सरकार जिस पर जनता ने भरोसा जताया वो बदनाम करने में ये पार्टी बदल चोला ओढ़ बहरूपिये सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। और जुम्मेवार इन दौलत के भूखे मदारियों का खेल बखूबी देख कर तालिया बजाते हैं। आखिर ये जुम्मेवार लोग क्यों पता नही करते कि ये सरकार को चुना लगने वाला खेल किस बड़े चीते के संरक्षण में हो रहा है जनता का अपना कहना है आखिर जुमनेवार उसकी पहुच के आगे चूहों की तरह बिलो में क्यों चिप जाते है और बैधनिक कार्यवाही को अंजाम देने से इनका जमीर हिल जाता है रूहे काँप कर थर्रा उठती हैं।अरे जुमनेवारो इतना तो करो ही जितना सरकार का नमक खाया है उतना तो बजाते रहो।नमक हराम सुने थे अब देखने मे भी मिल रहे है। क्या सरकार इस लिए मोटी मोटी तनख्वाहें दे रही है कि साँप पालो फन मत कुचलो जनता का कहना है कि ये बसों के जुमनेवार भूसे की तरह जबरिया भर लेते हैं जिस पर सांस लेना दूभर हो जास्ती है गंतब्य तक न पहुचने पर ये भय लगा रहता है कि कब बस इतनी भी हैं कि कब पलट जाय हादसे का शिकार हो जाय। पर कोई सुनने वाला नही है। अब सरकार से ही उम्मीद है कि इस पर कुछ सुधार हो सके।