जिला क्राइम रिपोर्टर स्वेता सिंह राजावत जालौन
माधौगढ़ – (धमना) ब्लाक माधौगढ़ क्षेत्र धमना गांव में सत्संग एवं योग भवन पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के तीसरे दिन कथा भागवताचार्य श्री राजेन्द्र शास्त्री जी (वाराणसी उरई)के मुखारबिंद से परीक्षित जन्म, सुखदेव आगमन की कथा सुनाई। उन्होंने युद्ध में गुरु द्रोण के मारे जाने से क्रोधित होकर उनके पुत्र अश्वत्थामा ने क्रोधित होकर पांडवों को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया। ब्रह्मास्त्र से लगने से अभिमन्यु की गर्भवती पत्नी उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ। परीक्षित जब बड़े हुए नाती पोतों से भरा पूरा परिवार था। सुख वैभव से समृद्ध राज्य था। वह जब 60 वर्ष के थे। एक दिन वह क्रमिक मुनि से मिलने उनके आश्रम गए। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन तप में लीन होने के कारण मुनि ने कोई उत्तर नहीं दिया। राजा परीक्षित स्वयं का अपमान मानकर निकट मृत पड़े सर्प को क्रमिक मुनि के गले में डाल कर चले गए। अपने पिता के गले में मृत सर्प को देख मुनि के पुत्र ने श्राप दे दिया कि जिस किसी ने भी मेरे पिता के गले में मृत सर्प डाला है। उसकी मृत्यु सात दिनों के अंदर सांप के डसने से हो जाएगी। ऐसा ज्ञात होने पर राजा परीक्षित ने विद्वानों को अपने दरबार में बुलाया और उनसे राय मांगी। उस समय विद्वानों ने उन्हें सुखदेव का नाम सुझाया और इस प्रकार सुखदेव का आगमन हुआ। श्री महंत सुशील महाराज (उपाध्यक्ष) यज्ञाचार्य श्री महंत हेमंत दुबे छतरपुर , पारीक्षत श्रीमती सविता देवी श्रीगिरिश सिंह राजावत ,यज्ञपति श्रीमती शीलम देवी श्री बृजेन्द्र सिंह राजावत ,यज्ञ व्यवस्थापक ग्राम प्रधान राघवेन्द्र सिंह
श्री महंत सुशील महाराज (उपाध्यक्ष)कथा के दौरान यज्ञ मे 33 कोटि देवता का आवहन तथा श्रीमद् भागवत महापुराण के मध्य से प्रांगण मे एक कन्या का विवाह कार्यक्रम एवं कन्यादान का 7 मई को अयोजन रखा गया है दिन मे 10 बजे से 3 बजे तक इस विवाह में सभी लोगों के सहयोग रहा महंत श्री सुशील महाराज के सानिध्य मे यज्ञ मे 1 कन्या का विवाह किया इस कार्यक्रम माननीय मूलचंद निरंजन विधायक एवं प्रतिनिधि विधायक महेश सिंह रवीन्द्र सिंह एवं सभी ग्रामवासी मौजूद रहे!